उज्जैन। लॉकडॉउन के कारण कला के क्षेत्र में काम करने वाले कलाकारों का काम छूट गया है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति चरमरा गई है सरकार व प्रशासन को कलाकारों की भी मदद करना चाहिए, ऐसे कई कलाकार है। जिनकी रोजी रोटी केवल गीत संगीत से ही चलती है शादियों में भी अब शहनाई की गूंज नही सुना दे रही है। ऐसे में कलाकारों का जीवन यापन कष्टमय हो गया है स्वर्णिम भारत मंच ने सरकार व प्रशासन से मांग की है कि कलाकारो के लिए भी आर्थिक पैकेज की घोषणा करे।
स्वर्णिम भारत मंच के संयोजक दिनेश श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए कहा कि लॉक डॉउन के कारण आम लोगो की आर्थिक स्थिति डगमगा गयी है दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल हो गया है। हर वर्ग लॉक डॉउन से पीड़ित है वन्ही कला के क्षेत्र में काम करने वाले कई कलाकार मुसीबत झेल रहे है खासकर वो कलाकार जिनकी आमदनी का जरिया केवल गाना बजाना था।
कोरोना संक्रमण के कारण अब न तो कोई म्यूजिक इवेंट हो रहे है ना ही शादियों में शहनाई गूंज रही है स्वर्णिम भारत मंच ने सरकार व प्रशासन से मांग की है कि कलाकारों को भी आर्थिक पैकेज दिया जाए स्वर्णिम भारत मंच अपने स्तर पर कलाकारों की मदद करने के लिए आगे आया है।
सीजन भी नही इवेंट बंन्द हो गए घर कैसे चलाये किसी से मदद मांगते भी शर्म आती है - स्वर्णिम भारत मंच के पास जब मन को झकझोर करने वाली घटना सामने आयी कि कलाकार लोगो मे फेमस हो जाते है। उनका चेहरा पब्लिक पहचान थी है। ऐसे में वो किसी से मदद भी नही मांग पाते है घर घर मे ही मुसीबत झेल रहे है। जब इस दर्द को स्वर्णिम भारत मंच ने समझा कि कलाकार अपना सर्वस्व समाज को समर्पित करके खुद के लिए कुछ नही जोड़ पाता है आज जब वो संकट में है तो कला प्रेमियों को मदद के लिए आगे आना चाहिए।
अब कलाकारों से भी किया जावेगा संपर्क - स्वर्णिम भारत मंच की निःशुल्क भोजन सेवा चल रही है अब उन कलाकरों से भी संपर्क किया जावेगा जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है जिनकी रोजी रोटी गीत संगीत ही रहा है उनके लिए मदद पहुंचाएगा। स्वर्णिम भारत मंच ने पहल की है कि जिस तरह से सरकार ने वकीलो व पुजारियों को आर्थिक सहयोग देने की घोषणा की है वैसे ही कलाकारों को भी आर्थिक पैकेज देना चाहिए।