उज्जैन। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव श्री फैज अहमद किदवई ने समस्त कलेक्टर्स, समस्त सीएमएचओ और समस्त सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक को निर्देश दिये हैं कि कोविड-19 संक्रमण से बचाव, नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु विशेष सावधानियां बरतना अत्यन्त आवश्यक है। इस विषय में सम्बन्धित अध्ययनों के साक्ष्य के आधार पर संक्रमण के फैलने के कारण एवं तदनुसार बचाव हेतु सावधानियों का पालन किया जाना आवश्यक पाया गया है। निकट भविष्य में जन-सामान्य को दैनिक दिनचर्या में पालन करने वाली सावधानियों के विषय में ज्ञान होना अत्यन्त आवश्यक है। इसीलिये विभिन्न बिन्दुओं पर विशेष ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है।
वायरस के स्त्रोत, विस्तार एवं बचाव की जानकारी - सुलभ शौचालय एवं सार्वजनिक शौचालयों में कई जगह स्पर्श करने वाली सतहें जैसे दरवाजे के हैण्डल, नल, दरवाजे आदि में फोमाइड ट्रांसफर का जोखिम अधिक होता है, इसीलिये पब्लिक शौचालय का उपयोग विशेष सावधानी के साथ किया जाना चाहिये। फेसमास्क का उपयोग कर शौचालय का उपयोग करें। कम से कम चीजें तथा सतह को स्पर्श करें। उपयोग उपरान्त तुरन्त साबुन से अच्छी तरह से हाथ धोयें तथा सेनीटाइजर का उपयोग करें। हाथों को डिसइंफेक्ट करें।
प्राय: यह देखने में आया है कि खांसी, छींक, बोलचाल तथा श्वसन क्रिया के दौरान शरीर से छोटी-छोटी बूंदें (ड्रॉपलेट्स) निकलती हैं, जो संक्रमण का कारक होती हैं। एक खांसी या छींक में बूंदों में 20 करोड़ वायरस के कण हो सकते हैं, जो वातावरण में फैल सकते हैं और कुछ सेकेंड्स में एक कमरे से दूसरे कमरे में फैल सकती है। छींकने और खांसने में भारी मात्रा में वायरस का विस्तार होता है, इसीलिये सामान्यत: प्रतिदिन अधिकतर समय फेसमास्क का उपयोग करना सुनिश्चित करें। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें एवं आपस में कम से कम दो मीटर की दूरी का फासला रखें।
संक्रमण फैलने की दृष्टि से अधिक खतरे वाले स्थान - बन्द कमरे या क्लोज्ड स्पेस जहां एक समय में अधिक लोग रहते हैं तथा जहां रोशनी एवं हवा की भी कमी है, जैसे विवाह समारोह, अन्त्येष्टी, जन्मदिन, कॉन्फ्रेंस, रेस्टोरेंट्स इत्यादि में संक्रमण का सबसे अधिक खतरा होता है, इसीलिये ऐसे स्थानों पर अनिवार्य रूप से फेसमास्क का उपयोग करना सुनिश्चित करें। हॉल, कमरे इत्यादि की खिड़कियां खोलकर रखें।यदि सेन्ट्रल एयर कंडिशनिंग स्थापित हो तो यथासंभव उसे बन्द रखा जाये। पंखों का उपयोग किया जाये। बैठक व्यवस्था में आपस में कम से कम दो मीटर की दूरी का फासला रखें तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य रूप से करें।
शासकीय एवं निजी कार्यालय तथा बैठक कक्ष में संक्रमण का खतरा संक्रमित व्यक्ति के साथ अधिक समय बिताने तथा कमरे के हवादार अथवा बन्द होने पर निर्भर करता है। ऐसे स्थानों पर अनिवार्य रूप से फेसमास्क का उपयोग करना सुनिश्चित करें। प्रवेश द्वारों पर सेनीटाइजर की उपलब्धता तथा थर्मल स्क्रीनिंग की जाना आवश्यक है।
उक्त तथ्यों से विदित है कि 90 प्रतिशत संक्रमण का स्त्रोत घर, कार्यस्थल, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, सामाजिक कार्यक्रम और रेस्टोरेंट होते हैं, जहां संक्रमण होने की संभावना अधिक रहती है, इसीलिये कुछ सावधानियों का अनिवार्य रूप से पालन किया जाये जैसे सोशल डिस्टेंसिंग, फेसमास्क का उपयोग नियमित अन्तराल में साबुन से हाथ धोना, बन्द कमरे में रहना, भीड़भाड़ वाली जगह में न जाना, सार्वजनिक शौचालयों का उपयोग न करना, खुली हवादार एवं सीमित व्यक्तियों के स्थान पर ही बैठना तथा अनावश्यक चेहरे व अन्य अंगों को स्पर्श न करना।
समस्त अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि जन-सामान्य को उपरोक्त सावधानियों के सम्बन्ध में समझाईश दें तथा उपरोक्त बिन्दुओं के विषय में सभी निजी एवं शासकीय कार्यालयों में जानकारी दी जाये तथा बार-बार छुए जाने वाली सतह को डिसइंफेक्ट किया जाये। इस सम्बन्ध में मैदानी स्वास्थ्य सेवा प्रदायकर्ता को भी जानकारी दी जाये।