टीड्डी दल से बचाव एवं सतर्कता के लिए कृषि विभाग द्वारा दिशनिर्देश जारी


       उज्जैन। जिले के कुछ क्षेत्रों में टिड्डी दल के आने की प्रशासनिक जानकारी के आधार पर कृषि विभाग की ओर से बचाव और सतर्कता के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। जिसमें किसानों को सलाह दी गयी है कि वे अपने स्तर पर समूह बनाकर खेतों में रात के समय निगरानी करें। शाम 7 से 9 बजे के बीच टिड्डी दल रात्रि विश्राम के लिए कहीं भी बैठ सकता है, जिसकी पहचान एवं जानकारी के लिए स्थानीय स्तर पर दल का गठन कर सतत निगरानी की जाए।


       शोर मचाकर या ध्वनि यंत्रों से भगा सकते हैं - दिशा निर्देशों में कहा गया है कि टिड्डी दल का प्रकोप होने पर तत्काल स्थानीय प्रशासन और कृषि विभाग से संपर्क कर जानकारी दी जाए। किसान टोली बनाकर विभिन्न तरह के पारंपरिक उपाय जैसे शोर मचाकर, अधिक ध्वनि वाले यंत्रों को बजाकर या पौधों की डालों से अपने खेत से टिड्डी दलों को भगा सकते हैं।


       स्प्रे से बौछार करके टिड्डी दल को भगाया जा सकता है - ये भी कहा गया है कि यदि किसी क्षेत्र में शाम को टिड्डी दल का प्रकोप हो गया हो, तो तड़के 3 बजे से सुबह 6 बजे तक तुरंत अनुशंसित कीटनाशी दवाओं का उचित अनुपात में पानी मिलाकर छिड़काव किया जाए। टिड्डी दल के आक्रमण के समय यदि कीटनाशी दवा उपलब्ध नहीं हो तो, ट्रैक्टर चलित पॉवर-स्प्रे के द्वारा तेज बौछार से भी दल को भगाया जा सकता है। नीमच और मंदसौर जिले में टिड्डी दल के पहुंचने की सूचना के बाद वहां पर प्रशासन भी अलर्ट हो गया है और किसानों से आवश्यक जानकारी एकत्रित की जा रही है।


       उज्जैन, शाजापुर और देवास तक पहुंचा टिड्डी दल - राजस्थान से मंदसौर होते हुए टिड्डियों का दल मंगलवार शाम उज्जैन जिले में आ पहुंचा। रात में टिड्डी दल ने पानबिहार के रनाहेड़ा गांव में डेरा जमा लिया। टिड्डियों की संख्या इतनी अधिक थी कि करीब 20 वर्ग किमी क्षेत्र ढंक गया। इनसे फसलों को बचाने के लिए किसानों ने तेज आवाजें निकालीं। मशाल जलाकर झुंड के पीछे भी दौड़े। बुधवार सुबह 4 बजे कीटनाशक स्प्रे कर टिड्डी दल को मारने की रूपरेखा बनाई गई। केंद्रीय टिड्डी नियंत्रण दल ने 9 स्प्रे गाड़ियां, फायर ब्रिगेड की 5 गाड़ियां, 11 ट्रैक्टर स्प्रे पंप से चारों ओर स्प्रे करवाया। इससे सुबह 8 बजे तक हजारों टिड्डियां खत्म हो गईं। टिड्डियों के दल ने उज्जैन से आगे शाजापुर और फिर देवास तक पहुंच गया है। कृषि विभाग की टीमें और किसान इन्हें भगाने में जुटे हैं।


Comments