आज की बात आपके साथ - विजय निगम

        ।।ॐ गं गणपतये नमः।।
 या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता
 नमस्तस्यै,नमस्तस्यै,नमस्तस्यै नमो नम:    
        श्री चित्रगुप्ताय नमो नमः।।
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प्रिय साथियो। 
🌹राम-राम🌹 
🌻 नमस्ते।🌻
आज की बात आपके साथ मे आप सभी साथीयों
का दिनांक 22अक्टूबर 2020 गुरूवार शार्दिय
नवरात्रि त्योहार के सष्टम  दिवस कात्यायनीती माता के स्वरुप को नमन करते हुवे आप सभी साथियों का प्रातः की बेला में हार्दिक वंदन है अभिनन्दन है।
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आज की बात आपके साथ  अंक मे है 
 A कुछ रोचक समाचार
B आज के दिन जनमे भारत के प्रसिद्ध   
   क्रांतिकारीअमर शहीद अशफ़ाक़ उल्ला
   का परिचय  लेख. 
C आज के दिन   की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ
D आज के दिन जन्म लिए महत्त्वपूर्ण    
    व्यक्तित्व
E आज के दिन निधन हुवे महत्वपूर्ण व्यक्तित्व।
F आज का दिवस का नाम ।
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  (A) कुछ रोचक समाचार(संक्षिप्त)
💥(A/1)नासा के ओस्टेराइड स्पेस एयरक्राफ्ट स्पेस मेबेनू को चूमकर कामयाब रहा।इस उपग्रह से अंतरिक्ष के खुलेंगे कई राज।🌹
🌹(A/2)शार्देय नवरात्रि पंचम दिवस:-स्कंध माता/पद्मस्नादेवी के वस्त्र,भोग,एवंपूजाविधि
🌹(A/3)पुलिस स्मृति दिवस:-गृह मन्त्री ने दी शहीद पुलिस कर्मियो को श्रद्धांजली।पुलिस क्षेत्र मे होँगे नये बदलाव।🌹
💥(A/4)संजय दत्तने केन्सर से जीतीजंग:बच्चों
के जन्मदिन पर दी फैन्स की दी ये खुशखबर💥
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     🌹(A) कुछ रोचक समाचार(विस्तृत)🌹
💥(A/1)नासा के ओस्टेराइड स्पेस एयरक्राफ्ट स्पेस मेबेनू को चूमकर कामयाब रहा।इस उपग्रह से अंतरिक्ष के खुलेंगे कई राज।🌹
नई दिल्ली।लंबे समय के प्रयास के बाद नासा को बड़ी सफलता हाथ आई है।अमेरिकी स्पेसएजेंसी
नासा का पहला स्पेसक्राफ्ट ओसरिस ऐस्टरॉयर्ड 
Bennu को छूने में कामयाब रहा है। इसके साथ ही अमेरिक ऐस्टरॉइड से सैंपल लाने वाला दूसरा 
देशबनगया है।इसकेपहलेजापान कोयहसफलता
हाथ लगी थी। अब इस बात का खुलासा बाद में होगा कि इस टचडाउन के दौरान क्राफ्ट ने बेनू से कितना सैंपल हासिल किया है। इस आधार पर यह तय किया जाएगा कि दोबारा टचडाउन की जरूरत पड़ेगी या नही। बता दें कि नासा के इस मिशनमें काफीलंबे समय सेअमेरिकाऔरकनाड़ा
के वैज्ञानिक भी काम कर रहे हैं। और काफी लंबे समयसे स्पेसक्राफ्टओएसआईआरआईएस ऐस्ट
रॉयर्डबेनूकी प्ररिक्रमा कर रहा था।इसस्पेसक्राफ्ट
कोभेजने का मुख्य कारण ही यही था किवो ऐस्ट
रॉयड से नमूने लाने में सफलता प्राप्त कर सके। यह यान बेनू की कक्षा में दिसंबर 2018 में प्रवेश किया था,लेकिनउस सतह पर उतरने केलिए उसे दो साल का समय लगा।नासा ने कहा कि दओरि
जन्स, स्पेक्ट्रल इंटरप्रीटेशन, रिसोर्स आइडेंटिफि
केशन,सिक्योरिटी-रीगोलिथ एक्सप्लोर स्पेस
-क्राफ्ट सतह से नमूना लेने के लिए20अक्टूबर को पहला प्रयास किया जाएगा।वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस मिशन से कई गहरे राजखुल सकते है।जिससेहमेयहजानकारीभीमिलसकतीहै 
किग्रह कैसे बनते हैं और जीवन कैसे शुरू हुआ
और क्षुद्रग्रहों पर नई अंतर्दृष्टि देगा जो पृथ्वी को प्रभावित कर सकता है।इस मिशननेअंतरिक्षयान 
मेंपहुंचकर रोबोटिकआर्म केनमूनेको इकट्ठाकरने
केलिएनासा ने नाइटिंगेल नामकएक चट्टानी क्षेत्र 
को चुना जिसमे सबसे बड़ी मात्रा मेंअबाधित
महीन दानेदार सामग्री है।जिससे कई तरह की जानकारियां प्राप्त की जा सकती हैं।
अब देखना यह है कि वैज्ञानिकों को कम से कम 60 ग्राम सैंपल की आवश्कता है। और इस सेंपल को इकट्ठा करने के क्रेटर की धूल नाइट्रोजन गैस केब्लास्टसे उड़ेगी जिसे इकट्ठा कर लियाजाएगा। यदिधूल60 ग्राम तकनही मिलती है तो 30 अक्टू
बरको फैसला किया जाएगा कि आगे क्या करना 
है।दूसरी कोशिश बैकअप साइट Osprey पर जनवरी 2021 के बाद ही की जा सकेगी।यदि वहीं पर रहते हुए वैज्ञानिकों की योजना सफल होजाती है तोओसिरिस-रेक्स  क्षुद्रग्रहबेन्नू से मार्च 
2021कोधरती के लियेउड़ान भर सकता हैऔर 
24 सितंबर, 2023 को यूटा के रेगिस्तान में यह
उतरेगा।
🌻💐🌲🌸🌲🌹💐💐🌻🌻💐🌲🌸🌲🌹(A/2)शार्देय नवरात्रि पंचम दिवस:-स्कंध माता/पद्मस्नादेवी के वस्त्र,भोग,एवंपूजाविधि🌹
जयपुर. नवरात्रि का पांचवां दिन स्‍कंद माता को
समर्पित रहताहै।जैसा किनामसे हीस्पष्टहै,वेस्कंद
यानि भगवान कार्तिकेय या मुरुगन की माता हैं।चार भुजाओं वाली मां स्कंदमाता का एक नाम पद्मासना भी है।
देवी पुराण के अनुसार मां स्कंदमाता का स्वरूप बहुत उज्जवल है।मांस्कंदमातासूर्यकी अधिष्ठात्री
देवी हैं।मातास्कंदमाता पीले रंग केपरिधान धारण करती हैं। यह रंग बुद्धिमता, श्रेष्ठता के साथ ही दैवीय ऊर्जा का भी प्रतीक है। यही कारण है कि नवरात्रि की पंचमी के दिन स्कन्दमाता की पूजा करते समय उनके परिधान केलिएयहरंगप्रयोग में लियाजाता है।मांस्कंदमाताकी पूजा करते समय भक्तों को सफेद रंग केवस्त्र पहनने चाहिए।वैसे इस दिन कोई भी उजलावस्त्र पहनकर माता की पूजा की जा सकती है।
मां स्कंदमाता प्रेमल हैं और वात्स्ल्य से परिपूर्ण हैं। केला उनका प्रिय फल है। इसलिए स्कंदमाता को केले से बने नैवेद्य चढ़ाना चाहिए।मांको केला या केले से बने मिष्ठान्न, बनाना शेक, बनाना मूज आदि भोग के रूप में अर्पित करें. इसके बाद यह प्रसाद वितरित कर दें।
🌻💐🌲🌸🌲🌻🌻💐🌲🌸🌲🌹💐💐🌹(A/3)पुलिस स्मृति दिवस:-गृह मन्त्री ने दी शहीद पुलिस कर्मियो को श्रद्धांजली।पुलिस क्षेत्र मे होँगे नये बदलाव।🌹
नई दिल्ली।आज पूरे देश में पुलिस स्मृति दिवस  मनाया जा रहा है।इस दौरानशहीद पुलिसकर्मियों
कोश्रद्धांजलि दी जा रही है।प्रधानमंत्रीनरेन्द्रमोदी  से लेकरगृह मंत्री अमित शाहतकने शहीद पुलिस
कर्मियोंकोश्रद्धांजलिदी।अमितशाहनेपुलिसवालों
ने देश की रक्षा के लिए बलिदान दिया है, जिसके कारणआज देश विकास की ओरआगे बढ़रहा है।
   🌹🌻अमित शाह ने शहीद पुलिसकर्मियों को दी श्रद्धांजलि🌻🌹
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्लीस्थित पुलिसस्मारकपर जाकरशहीदपुलिस
कर्मियों को श्रद्धांजलि।इस दौरान परेड काभी आयोजनकिया गया।परेड को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि हमारे पुलिसकर्मियों ने देश कीरक्षा के लिए बलिदान दिया है।उनके बलिदान के कारण ही हमारा देश विकास की ओर आगे बढ़ रहा है। गृह मंत्री ने कहा कि जब देश कोई भी त्योहार मनाता है, लोग खुशियां मनाते हैं तो पुलिसकर्मी उनकी रक्षा के लिए ड्यूटी करते हैं। उन्होंनेकहा कि दिन-ब-दिन पुलिस के लिए चुनौ
तियां बढ़ रही है। नक्सल, आतंकवाद, महिलाओं के खिलाफ देश में लगातार अपराध बढ़ रहे हैं। लिहाज,उनसे संघर्ष करना पुलिसकर्मियों केलिए 
बड़ी चुनौती है। गृह मंत्री ने कहा कि बहुत पुलिस के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी को बढ़ाया जाएगा। इस साल 260 पुलिसकर्मियों ने शहादत दी है। इस स्मारककेजरिए युवा पीढ़ी कोपुलिस के बलिदान के बारे मेंभी जानकारी मिल रही है।कोरोनासंकट
औरलॉकडाउनकेदौरानभीपुलिसकर्मीकीभूमिका
काफी अहम रही।अमित शाह न कहा किकोरोना
महामारी के कारण 343पुलिस कर्मियों की मौत 
हुई।
      🌻पुलिस क्षेत्र में जल्द होंगे बदलाव🌻
अमित शाहगृह मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में 12वीं क्लास के बाद से ही छात्रों को सुरक्षा के बारेमें जानकारी दी जाएगी।अमितशाह ने पुलिस
कर्मियों से अपील की किआप लोग देश को संभालिए,हमारी सरकार आपके परिवार वालों की रक्षा करेगी। उन्होंने कहा कि जल्द ही पुलिस क्षेत्र में बदलाव देखने को मिलेंगे। वहीं,प्रधानमंत्री 
नरेन्द्र मोदी ने  ट्वीट कर के पुलिस कर्मियों को
श्रद्धांजलि दी और उन्हें सलाम किया।पीएममोदी
ने आज का दिन शहीद हुए पुलिस कर्मियों के परिजनों को सलाम करने का है।उन्होंन कहा कि हम हर शहीद पुलिसकर्मियों को नमन करते हैं।
🌻💐🌲🌸🌲🌹🌻💐🌲🌸🌲🌹💐💐💥(A/4)संजय दत्तने केन्सर से जीतीजंग:बच्चों
के जन्मदिन पर दी फैन्स की दी ये खुशखबर💥
नई दिल्ली|बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त के फैंस के लिएबेहद ही अच्छी खबर सामने आई है। पिछले कुछ वक्त से संजय लंग कैंसर से जूझ रहे थे। जिसकोलेकर वो अपना इलाज मुंबई केकोकिला
बेनअस्पतालमें करा रहे थे।कुछदिनों पहले संजय कीकमजोर हालत में तस्वीर सामनेआई थी जिसे देख फैंस बहुत परेशान हो गए थे।संजय की लंबी उम्रऔरअच्छे स्वस्थ के लिए फैंस लगातारप्रार्थना 
करते रहे हैं।आखिरकार संजय ने कैंसर  की जंग जीत ही ली। उन्होंने इस बात की खुशखबरी खुद अपने फैंस से साझा की है। संजय ने उनके इस मुश्किल सफर में साथ बने रहने के लिए फैंस का शुक्रिया अदा किया है।
🌹संजयनेबच्चों केजन्मदिनपर दीखुशखबरी🌹
संजय दत्त के बच्चों शहरान और इकरा के जन्म
दिनकेमौके पर उन्होंने अपनी खुशी फैंस से बांटी है।संजय ने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर किया हैजिसमें लिखा है कि पिछले कुछहफ्ते मेरे औरमेरे परिवार के लिए बहुत मुश्किलभरेथे। लेकिन जैसा कहते हैं कि भगवान कठिन परीक्षा अपने सबसे मजबूत योद्धा को देते हैं। और आज मेरे बच्चे के जन्मदिन के मौके पर अपनी जंग से जीत के बारे में बताते हुए मैं बहुत खुश हूं। अब मैंअपने परिवार को सबसे कीमती तोहफा अपनी सेहत दे पाऊंगा।
      🌹फैंस को संजय ने कहा शुक्रिया🌹
संजय ने आगे लिखा कि ये सब आपके विश्वास औरसपोर्ट केबिना नहीं हो पाता।मैंअपने परिवार
दोस्‍तोंऔरसभी फैंस का शुक्रगुजार हूं जोमेरेसाथ
इस दौरान खड़े रहे।आप लोगों के प्यार, दयालुता और असीमित दुआओं के लिए धन्यवाद। संजय ने कोकिलाबेन अस्‍पताल के डॉक्‍टर सेवंती और उनकीपूरीटीमका भी शुक्रिया किया है।संजय की वायरल तस्वीरेंदेख डर गए थे फैंस को बतादें कि
हाल ही में संजय दत्त के करीबी दोस्त ने भी इस बातका खुलासा किया था कि वो तेजी से रिकवर कर रहे हैं।वहीं कुछ दिनों पहले संजय की तस्वीरें भीवायरलहुई थीजिसमें वो काफी कमजोर नजर
आ रहे हैं।फैंस उनकी ऐसी फोटोज देखकर बेहद परेशान हो गए थे।
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B आज के दिन जनमे भारत के प्रसिद्ध क्रांतिकारीअमर शहीद अशफ़ाक़ उल्ला
का परिचय  लेख.               
            अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ
पूरा नाम:- अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ जन्म 22 अक्टूबर, 1900 ई. जन्म भूमि शाहजहाँपुर, उत्तर प्रदेश मृत्यु 19 दिसम्बर, 1927 ई. मृत्यु स्थान फैजाबाद, उत्तर प्रदेश अभिभावक पिता- मोहम्मद शफ़ीक़ उल्ला ख़ाँ, माता- मजहूरुन्निशाँ बेगम नागरिकता भारतीय प्रसिद्धि स्वतंत्रता सेनानी धर्म इस्लाम विशेष योगदान अशफ़ाक़ उल्ला सदा यह प्रयत्न करते रहे कि उनकी भांति और भी मुस्लिम नवयुवक क्रान्तिकारी दल के सदस्य बनें और देश की आज़ादी में अपना योगदान करें। संबंधित लेख काकोरी काण्ड, राम प्रसाद बिस्मिल, राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी, चंद्रशेखर आज़ाद विशेष अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ भारत के ऐसे पहले मुस्लिम थे, जिन्हें किसी षड़यंत्र के तहत फ़ाँसी की सज़ा दी गई थी। अन्य जानकारी महात्मा गांधी का प्रभाव अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ के जीवन पर प्रारम्भ से ही था, लेकिन जब 'चौरी चौरा घटना' के बाद गांधीजी ने 'असहयोग आंदोलन' वापस ले लिया, तब उनके मन को अत्यंत पीड़ा पहुँची थी। अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ (अंग्रेज़ी: Ashfaq Ulla Khan; जन्म- 22 अक्टूबर, 1900 ई., शाहजहाँपुर, उत्तर प्रदेश; मृत्यु- 19 दिसम्बर, 1927 ई., फैजाबाद) को भारत के प्रसिद्ध अमर शहीद क्रांतिकारियों में गिना जाता है। देश की आज़ादी के लिए हंसते-हंसते प्राण न्यौछावर करने वाले अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रबल पक्षधर थे। 'काकोरी कांड' के सिलसिले में 19 दिसम्बर, 1927 ई. को उन्हें फैजाबाद जेल में फाँसी पर चढ़ा दिया गया। अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ ऐसे पहले मुस्लिम थे, जिन्हें षड्यंत्र के मामले में फाँसी की सज़ा हुई थी। उनका हृदय बड़ा विशाल और विचार बड़े उदार थे। हिन्दू-मुस्लिम एकता से सम्बन्धित संकीर्णता भरे भाव उनके हृदय में कभी नहीं आ पाये। सब के साथ सम व्यवहार करना उनका सहज स्वभाव था। कठोर परिश्रम, लगन, दृढ़ता, प्रसन्नता, ये उनके स्वभाव के विशेष गुण थे। जन्म तथा परिवार अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ का जन्म 22 अक्टूबर, 1900 ई. को उत्तर प्रदेश में शाहजहाँपुर ज़िले के 'शहीदगढ़' नामक स्थान पर हुआ था। इनके पिता का नाम मोहम्मद शफ़ीक़ उल्ला ख़ाँ था, जो एक पठान परिवार से ताल्लुक रखते थे तथा माता मजहूरुन्निशाँ बेगम थीं। इनकी माता बहुत सुन्दर थीं और ख़ूबसूरत स्त्रियों में गिनी जाती थीं। इनका परिवार काफ़ी समृद्ध था। परिवार के सभी लोग सरकारी नौकरी में थे। किंतु अशफ़ाक़ को विदेशी दासता विद्यार्थी जीवन से ही खलती थी। वे देश के लिए कुछ करने को बेताव थे। बंगाल के क्रांतिकारियों का उनके जीवन पर बहुत प्रभाव था। बाल्यावस्था अपनी बाल्यावस्था में अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ का मन पढ़ने-लिखने में नहीं लगता था। खनौत में तैरने, घोड़े की सवारी करने और भाई की बन्दूक लेकर शिकार करने में इन्हें बड़ा आनन्द आता था। ये बड़े सुडौल, सुन्दर और स्वस्थ जवान थे। चेहरा हमेशा खिला रहता था और दूसरों के साथ हमेशा प्रेम भरी बोली बोला करते थे। बचपन से ही उनमें देश के प्रति अपार अनुराग था। देश की भलाई के लिये किये जाने वाले आन्दोलनों की कथाएँ वे बड़ी रुचि से पड़ते थे। कविता का शौक अशफ़ाक़ कविता आदि भी किया करते थे। उन्हें इसका बहुत शौक़ था। उन्होंने बहुत अच्छी-अच्छी कवितायें लिखी थीं, जो स्वदेशानुराग से सराबोर थीं। कविता में वे अपना उपनाम हसरत लिखते थे। उन्होंने कभी भी अपनी कविताओं को प्रकाशित कराने की चेष्टा नहीं की। उनका कहना था कि "हमें नाम पैदा करना तो है नहीं। अगर नाम पैदा करना होता तो क्रान्तिकारी काम छोड़ लीडरी न करता?" उनकी लिखी हुई कविताएँ अदालत आते-जाते समय अक्सर 'काकोरी कांड' के क्रांतिकारी गाया करते थे। अपनी भावनाओं का इजहार करते हुए अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ ने लिखा था कि- जमीं दुश्मन, जमां दुश्मन, जो अपने थे पराये हैं, सुनोगे दास्ताँ क्या तुम मेरे हाले परेशाँ की।[1]
A उस पर मुस्लिमों का नहीं हिन्दुओं का राज होगा और मुस्लिमों को कुछ नहीं मिलेगा। इसके जवाब में अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ ने अंग्रेज़ अफ़सर से कहा कि- "फूट डालकर शासन करने की चाल का उन पर कोई असर नहीं होगा और हिन्दुस्तान आज़ाद होकर रहेगा"। उन्होंने अंग्रेज़ अधिकारी से कहा- "तुम लोगहिन्दू-मुस्लिमोंमेंफूटडालकरआज़ादीकी लड़ाई को अब बिलकुल नहीं दबा सकते।अपने दोस्तों के ख़िलाफ़ मैं सर
मत हे।कारी गवाह कभी नहीं बनूँगा
शहादत19 दिसम्बर,1927कोअशफ़ाक़
उल्ला ख़ाँ को फैजाबाद जेल में फाँसी दे दी गई। इस तरह भारत का यह महान् सपूतदेशके लिएअपनाबलिदान दे गया। उनकी इस शहादत ने देश की आज़ादी कीलड़ाई में हिन्दू-मुस्लिमएकता कोऔर भीअधिक मजबूत कर दिया। आज भी उनकादिया गयाबलिदान देशवासियों को एकता के सूत्र में पिरोने का काम करता है।प्रेरक प्रसंग अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ से जुड़ेकईप्रसंगऐसेहैं,जोउन्हें हिन्दू-मुस्लिम
एकताकापक्षधरसिद्ध करते हैं-अशफ़ाक़
उल्ला ख़ाँ के लिए मंदिर और मसजिद एकसमान थे।एक बार जब शाहजहाँपुर मेंहिन्दूऔर मुस्लिमों में झगड़ा हुआ और शहरमें मारपीटशुरूहो गई,उससमयअश
फ़ाक़ बिस्मिल जी के साथ आर्य समाज मन्दिर में बैठेहुए थे।कुछ मुस्लिम मन्दिर
के पास आ गए और आक्रमण करने के लिए तैयार हो गए। अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ नेअपना पिस्तौल निकाल लियाऔरआर्य
समाज मन्दिर से बाहर आकर मुस्लिमों से कहने लगे कि "मैं कटटर मुसलमान हूँ,परन्तुइस मन्दिर की एक-एक ईंट मुझे प्राणोंसेप्यारी है।मेरे नजदीकमन्दिर और मसजिदकीप्रतिष्ठा बराबर है।अगरकिसी
 ने इस मन्दिर की ओर निगाह उठाई तो गोली का निशाना बनेगा। अगर तुमको लड़ना हैतो बाहर सड़क पर चले जाओ औरखूब दिलखोल कर लड़ लो।" उनकी इस सिंह गर्जना को सुनकर सबके होश गुम होगएऔर किसीकासाहस नहींहुआ,
जोआर्यसमाज मन्दिर परआक्रमण करे। यहअशफ़ाक़का सार्वजनिकप्रेम था। इस से भी अधिक उनको रामप्रसाद बिस्मिल जीसे प्रेम था। एक बार अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ बहुत बीमार पड़ गये।उस समय वे 'राम-राम' कहकर पुकारने लगे
माता-पितानेबहुत कहा कि तुम मुस्लिमहो,खुदा-
खुदा कहो परन्तु उस प्रेमके सच्चेपुजारी के कान
मेंयहआवाज़ ही नहीं पहुँची और वह बराबर राम-राम कहते रहे।माता-पिता तथा अन्य
सम्बन्धियों की समझ में यह बात नहींआई। उसी समय एक अन्य व्यक्तिनेआकरउनके सम्बन्धियों
से कहा कि यह रामप्रसाद बिस्मिल को यादकर रहे हैं।यहएक-दूसरेको रामऔर कृष्ण कहते हैं।अतःएकआदमी जाकर बिस्मिल जी को बुला लाया।उनको देख करअशफ़ाक़ नेकहाराम तुम आ गए"।उस समय उनके घर वालों को राम का पता चला अशफ़ाक़ के इन आचरणों से उनके
सम्बन्धी कहते थे कि वे काफ़िर हो गयेहैं,किन्तुवे
इन बातों कीकभी परवाह नहीं करते थेऔर सदैव एकाग्र चित्त से अपने व्रत पर अटल रहे।
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🌻(C) आज के दिन की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ💐
22 अक्टूबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ 1796 - पेशवा माधव राव द्वितीय ने आत्महत्या। 
1867 - नेश्नल यूनिवर्सिटी आॅफ कोलंबिया की आधारशिला रखी गयी। 1875 - अर्जेंटिना में पहले टेलीग्राफिक कनेक्शन की शुरुवात। 
1879 - ब्रिटिश शासन के खिलाफ पहला राजद्रोह का मुकदमा बसुदेव बलवानी फड़के के खिलाफ।
 1883 - न्यूयार्क में ओपेरा हाउस का उद्घाटन हुआ। 
1962 - भारत की सबसे बड़ी बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना 'भाखड़ा नांगल' राष्ट्र को समर्पित की गई।
1964 - फ्रांसीसी दार्शनिक और लेखक ज्यां पाल सार्त्र ने नोबेल पुरस्कार ठुकराया।
 1975 - 'वीनस-9' अंतरिक्षयान का शुक्र ग्रह पर अवतरण। तुर्की के राजनयिक की वियना में गोली मारकर हत्या। 
2004 - अंकटाड रिपोर्ट के अनुसार विदेशों में निवेश में भारत 14वें स्थान पर। सीका सम्मेलन में सदस्य देशों ने आतंकवाद से मिलकर निपटने का संकल्प व्यक्त किया।
 2006 - अफ़ग़ानिस्तान में अधिक नशीली दवाएँ जब्त की गईं।
 2007 - चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओ ने लगातार दूसरी बार सत्तारूढ़ चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी की कमान सम्भाली। 2008 - इसरो ने भारत के पहले चंद्रयान मिशन चंद्रयान-1 का प्रक्षेपण किया। इस मिशन से चंद्रमा पर पानी के होने का पता लगा। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से चन्द्रयान-1 का सफल प्रक्षेपण किया गया। 
2014 - माइकल जेहाफ बिडायु ने ओटावा में कनाडा के संसद पर हमला किया, जिसमें एक सैनिक की मौत हो गयी अौर तीन अन्य घायल हो गये। 2016- भारत ने कबड्डी विश्व कप जीता। 
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(D)आज के दिन जन्म लिए महत्त्वपूर्ण व्यक्तित्व
 1873 - स्वामी रामतीर्थ - हिन्दू धार्मिक नेता थे, जो अत्यधिक व्यक्तिगत और काव्यात्मक ढंग के व्यावहारिक वेदांत को पढ़ाने के लिए विख्यात थे। 
1900 - अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ - भारत के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी। 
 1903 - त्रिभुवनदास कृषिभाई पटेल - सामुदायिक नेतृत्व किया।
1937 - कादर खान, प्रसिद्ध हिन्दी और उर्दू फ़िल्म अभिनेता।
🌻💐🌹🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐💐🌻(E)आज के निधन हुवे महत्वपूर्ण व्यक्तित्व।
1680- महाराणा राजसिंह - मेवाड़
1954 - ठाकुर प्यारेलाल सिंह - छत्तीसगढ़ में 'श्रमिक आन्दोलन' के सूत्रधार तथा 'सहकारिता आन्दोलन' के प्रणेता।
1954 - जीवनानन्द दास - बांग्ला भाषा के प्रसिद्ध कवि और लेखक।
1893 - दलीप सिंह - पंजाब के महाराज रणजीत सिंह का सबसे छोटा पुत्र।
1933 - विट्ठलभाई पटेल - सरदार पटेल के बड़े भाई एवं प्रसिद्ध स्वतन्त्रता सेनानी।
1986 - ये जियानयिंग - चीन में सेना प्रमुख के अध्यक्ष थे।
🌻💐🌹🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐💐🌻
       (F) आज का दिवस का नाम
1 स्वामी रामतीर्थ - हिन्दू धार्मिक नेता थे, जो अत्यधिक व्यक्तिगत और काव्यात्मक ढंग के व्यावहारिक वेदांत को पढ़ाने के लिए विख्यात थे उनका जयंती दिवस
2.अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ - भारत के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी थे उनका जयंती दिवस 
3.त्रिभुवनदास कृषिभाई पटेल - सामुदायिक नेतृत्व किया था उनका जयंती दिवस
4 कादर खान, प्रसिद्ध हिन्दी फिल्म चरित्र अभिनेता थे थे उनका जयंती दिवस
5.महाराणा राजसिंह - मेवाड़ के राजा थे उनका पुण्यतिथि दिवस
6- ठाकुर प्यारेलाल सिंह - छत्तीसगढ़ में 'श्रमिक आन्दोलन' के सूत्रधार तथा 'सहकारिता आन्दोलन' के प्रणेता थे उनका पुण्यतिथि दिवस
7 जीवनानन्द दास - बांग्ला भाषा के प्रसिद्ध कवि और लेखक थे उनका पुण्यतिथि दिवस
8 दलीप सिंह - पंजाब के महाराज रणजीत सिंह का सबसे छोटे पुत्र थे उनका पुण्यतिथि दिवस
9.विट्ठलभाई पटेल - सरदार पटेल के बड़े भाई एवं प्रसिद्ध स्वतन्त्रता सेनानी
थे उनका पुण्यतिथि दिवस
🌻💐🌹🌲🌸🌲🌹💐💐   
आज की बात -आपके साथ" मे आज इतना ही।कल पुन:मुलाकात होगी तब तक के लिये इजाजत दिजीये।
      आज जन्म लिये  सभी  व्यक्तियोंको आज के दिन   शार्दिय नवरात्रि त्योहार के सष्टम  दिवस कात्यायनीती माता के स्वरुप को नमन करते हुवेआप सभी साथियों का प्रातः की बेला में आज के दिवस की बधाई। आज जिनका परिणय दिवस हो उनको भी हार्दिक बधाई।  बाबा महाकाल से निवेदन है की बाबा आप सभी को स्वस्थ्य,व्यस्त मस्त रखे।
💐।जय चित्रांश।💐
💐जयमहाकाल,बोलेसोनिहाल💐
💐।जय हिंद जय भारत💐
💐  निवेदक;-💐
💐 चित्रांश ;-विजय निगम।💐


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