अपना पहला एग्रीकल्चर कमोडिटी फयूचर्स एग्रीमेंट लॉन्च करेगा एनएसई

  • क्रूड डीगम्ड सोयाबीन ऑयल (सीडीएसओ) के लिए फ्यूचर्स एग्रीमेंट 1 दिसंबर 2020 को होगा लॉन्च



भारत का प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई), 1 दिसंबर, 2020 को क्रूड डीगम्ड सोयाबीन ऑयल (सीडीएसओ) के लिए अपना पहला एग्रीकल्चर कमोडिटी फ्यूचर्स एग्रीमेंट लॉन्च करेगा। यह एग्रीमेंट मंथली एक्सपायरी कैश सेटल्ड फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट है जिसकी ट्रेडिंग लॉट साइज 10 एमटी है और प्राइस बेसिस कांडला है।


 


भारत दुनिया में खाद्य तेलों का सबसे बड़ा इम्पोर्टर है। यह फ्यूचर्स एग्रीमेंट भारतीय कमोडिटी डेरिवेटिव्स इकोसिस्टम का अनुपस्थित लिंक उपलब्ध करायेगा, और भारत तथा विदेशों में सोयाबीन ऑयल्स प्रोसेसिंग और संबद्ध उद्योगों को सुविधा प्रदान करेगा, जो उनके मूल्य जोखिम के प्रबंधन के मामले में प्रतिरक्षा के लिए एक आदर्श हेजिंग टूल है।


 


एग्रीकल्चर कमोडिटी फ्यूचर्स एग्रीमेंट की शुरुआत एनएसई के मिशनमें एक और महत्वपूर्ण पड़ाव है। 25 साल पहले शुरू हुआ यह मिशन प्रॉडक्ट्स और सेवाओं को बाजार में लाने की सुविधा प्रदान करता है। हमारे मौजूदा प्रॉडक्ट्स की सूची में एग्रीकल्चर प्रॉडक्ट्स को शामिल करना, ब्रोकिंग समुदाय को एक ही प्लेटफॉर्म ट्रेड करने और क्लीयर करने के लिए एनएसईका पूरा लाभ प्रदान करता है।


 


एनएसई के एमडी और सीईओ, श्री विक्रम लिमये ने कहा कि “एनएसई सुविधाजनक और लागत प्रभावी ऑनशोर हेजिंग प्रॉडक्ट प्रदान करके भारतीय कमोडिटी बाजारों को मजबूत बनाने के लिए समर्पित है। भारत दुनिया में खाद्य तेलों के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक है, इसलिए कच्चे सोयाबीन तेल के लिए एक कुशल हेजिंग सिस्टम की भी आवश्यकता है। यह प्रॉडक्ट आम तौर पर बाजार सहभागियों और कमोडिटी इकोसिस्टम के लिए सही मूल्य जोखिम प्रबंधन टूल के रूप में काम करेगा।”


 


इस अवसर पर सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने एनएसई को बधाई दी है। एसईए के एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. बीवी मेहता ने कहाकि "एक्सचेंज ट्रेडेड डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स बहुत ही उपयोगी टूल है जो उद्योग के लिए मूल्य जोखिम प्रबंधन को सुविधाजनक और आसान बनाता है। मुझे यकीन है कि हमारे सदस्य इन फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स को अपने रोजाना के व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए भी उपयोगी पायेंगे। आगे इस तरह के और फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स को शुरू किया जाना चाहिए, ताकि हम भारत में एक जीवंत कमोडिटी मार्केट्स इकोसिस्टम बना पायें।"


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