आउटसोर्स कर्मचारियों का नारा '10 मई बिजली गई'
उज्जैन। मध्यप्रदेश में बिजली विभाग के आउटसोर्स कर्मचारियों ने सरकार को हड़ताल की चेतावनी दे दी है. सभी कर्मचारी 10 मई से हड़ताल पर जाएंगे। इस हड़ताल में 45,000 बिजली विभाग के आउटसोर्स कर्मचारी शामिल होंगे।
कर्मचारियों ने मांग की है कि उन्हें भी फ्रंटलाइन वर्कर में शामिल किया जाए, साथ ही उन्होंने अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर तमाम जगहों पर ज्ञापन सौंपा है। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री तक अपनी मांगे रख चुके हैं। लेकिन अब संगठन ने '10 मई बिजली गई' का नारा दे दिया है।
आउटसोर्स कर्मचारियों का नारा '10 मई बिजली गई' विभाग के आउटसोर्स कर्मचारियों की मांग है, कि पिछले साल 2020 में कोरोना के समय बिजली कर्मचारियों को फ्रंटलाइन वर्कर के तौर पर कोरोना योद्धा के रूप में शामिल किया गया था, लेकिन इस बार उन्हें शामिल नहीं किया गया।
मध्य प्रदेश बिजली निजीकरण विरोधी संयुक्त मोर्चा और मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एंप्लॉय एवं इंजीनियर के आह्वान पर प्रदेश भर के 45,000 बिजली आउटसोर्स कर्मचारी 10 मई से बिजली संबंधित कार्य का बहिष्कार करेंगे।
ये हैं 8 सूत्रीय मांग
- बिजली विभाग को मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना में शामिल किया जाए।
- विद्युत दुर्घटना में मृत कर्मचारी के परिवार को 20 लाख का मुआवजा राशि प्रदान की जाए।
- बिजली आउट सोर्स कर्मचारी का बिजली कंपनियों में संविलियन किया जाए।
- बिजली कंपनियों में आउटसोर्स कर्मचारियों के जो नए टेंडर हुए हैं उसमें आउट सोर्स कंपनियों द्वारा अवैध वसूली की जा रही है उस पर तुरंत लगाम लगाई जाए।
- बिजली कंपनियों के निजीकरण पर रोक लगाई जाए।
- बिजली कंपनियों ने नियमित कर्मचारियों, संविदा कर्मचारियों को अग्रिम चिकित्सा राशि प्रदान की है, बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों को भी अग्रिम चिकित्सा राशि में शामिल करने की मांग की है।
- बिजली कंपनियों में आउटसोर्स कर्मचारियों के नए टेंडर हुए है। जिसमें पुराने बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों को निकाला जा रहा है। संगठन की मांग है कि पुराने आउट सोर्स कर्मचारियों को यथावत नौकरी पर रखा जाए।
- बिजली कंपनियों से ठेकेदारी प्रथा खत्म कर, नई भर्ती में बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जाए।