शा.उ.मा.वि. में शिविर आयोजित कर न्यायाधीश द्वारा बच्चों को पॉक्सो एक्ट की जानकारी दी गई


उज्जैन। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के मार्गदर्शन में तथा जिला न्यायाधीश एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री अरविंद कुमार जैन के मुख्य आतिथ्य में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय फाजलपुरा में मिट्टी के दीपक सजावटी प्रशिक्षण कार्यक्रम के साथ-साथ विद्यालयीन बच्चों के हितार्थ पॉक्सो एक्ट, बच्चों के अधिकार एवं बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम विषय पर विधिक साक्षरता/जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जिला न्यायाधीश श्री अरविंद कुमार जैन ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रत्येक निर्धन, असहाय एवं ज़रूरतमंद व्यक्ति को कानूनी सहायता पहुंचाना विधिक सेवा प्राधिकरण का प्रमुख उद्देश्य है। श्री जैन के द्वारा बच्चों को निःशुल्क विधिक सहायता एवं सलाह योजना, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो एक्ट) 2012, मप्र अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना 2015, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, बालिकाओं के अधिकार, शिक्षा का अधिकार की जानकारी प्रदान की।

जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री चंद्रेश मण्डलोई द्वारा उपस्थित बच्चों को भारतीय संविधान के मूल अधिकार एवं कर्तव्य, नालसा हेल्पलाईन नंबर 15100 चाईल्ड हेल्पलाईन नंबर 1098, गुड टच बैड टच, चाईल्ड ट्रैफिकिंग, जेजेबी एक्ट, बाल विवाह एवं राष्ट्रीय एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान कर उन्हें विधिक रूप से साक्षर किया साथ विद्यार्थियों द्वारा प्रश्न पूछे जाने पर उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया। कार्यक्रम के अंत में योजनाओं के पंपलेट्स वितरित किये गये।

पैरालीगल वॉलेंटियर श्रीमती प्रीति गोयल द्वारा उपस्थित बच्चों को गुड टच बैड टच, चाईल्ड ट्रैफिकिंग, जेजेबी एक्ट, बाल विवाह की जानकारी प्रदान की। प्रशिक्षिका श्रीमती हेमलता ओझा एवं श्रीमती रेणु रावत द्वारा उपस्थित बच्चों को मिट्टी के दीपकों पर सजावटी कलाकारी करने का प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इस अवसर पर विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती स्मिता करंजगांवरकर, वरिष्ठ समाजसेविका एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.सतिंदर कौर सलूजा, समाजसेवी श्री प्रवीण जोशी, सामाजिक संस्था शुभ-संदेश सामाजिक कल्याण समिति उज्जैन की सदस्य श्रीमती मंगला पण्ड्या एवं अन्य शिक्षक-शिक्षिकाएं तथा लगभग 70 विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।

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